झुमझुम राम की शिकायत.. दिलचस्प.. और सरकारी बाशिंदो की लूट

शिकायतें आम हैं.. पर कुछ शिकायतें जो आजकल ज्यादा सुनने में मिलती है वो थोड़ी दिलचस्प है और सरकारी 'लूट' से भी जुड़ी हुई..

शहर के एक बड़े वर्ग की शिकायत है कि वे शराब के सरकारी ठिकाने पर लूटे जा रहे हैं. होता यूं है कि भारी भीड़ के बीच शराब लेने की मारामारी मची होती है. इस बीच जैसे तैसे जो मिला वो लेकर मदिराप्रेमी काऊंटर में पैसे देता है. खेल तब होता है... जब वापस मिलने वाला पैसा उतना नहीं होता जितना मिलना चाहिए. भीड़भाड़ में मदिरा प्रेमियों को वास्तविक लौटाई जाने वाली रकम से कम पैसे वापस होते हैं.. और उस दौरान इतना वक्त या जगह नहीं होती काऊंटर पर कि बहस की जा सके या वापस मिले पैसे ही गिने जा सकें..



बहरहाल.. सार तो यही है कि भीड़ की आड़ में सिर्फ सरकार ही नहीं.. सरकार के बाशिंदे भी कम रहे हैं. और रही बात सही या गलत कि तो जब सरकार व्यापार कर रही हो तो नियमत: ग्राहकों को उनकी वास्तविक लौटाए  जाने वाले तो मिलने ही चाहिए.

ये शिकायत का ब्यौरा शहर के ही झुमझुम राम की शिकायत पर आधारित है. उम्मीद है उसके और उसके साथियों के साथ दोबारा ऐसा न हो.

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