झूठ से बदनाम हो रहा मां का दरबार!

राजनांदगांव। मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर ट्रस्ट समिति ने श्रद्धालुओं व पर्यटकों के साथ धोखा किया है। पिछले कई माह से लगातार श्रद्धालुओं व पर्यटकों को सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर हाइटेक साधनों को अपनाने की बात कहने वाले ट्रस्ट ने सिर्फ शुभारंभ के लिए ही अपनी सुविधाएं शुरु की। ट्रस्ट ने मुख्यमंत्री के साथ तस्वीर खींचाकर मंदिर की वेबसाईट लांच करने का दावा कर दिया पर हकीकत इससे परे है। वास्तव में मंदिर की वेबसाईट सिर्र्फ में विकल्प तो कई सारे हैं लेकिन ये सिर्फ दिखावे के लिए हैं।  
जहां इस वेबसाइट के लिए नियम-कानून दरकिनार कर दिए गए वहीं अब इस वजह से सुविधाएं बंद कर दी गई हैं। इससे पूर्व भी ट्रस्ट ने कई बार वेबसाइट लांच करने की बात कही थी। ले देकर जब ट्रस्ट ने वेबसाइट लांच की तो उसमें भी श्रद्धालुओं के लिए किसी सुविधाओं को शुरु नहीं किया गया। भ्रामक प्रचार कर ट्रस्ट ने मंदिर की छवि को नुकसान पहुंचाने का बीड़ा उठाया हुआ है। इसी कड़ी में अब एक और कदम ट्रस्ट ने बढ़ाया है। मुख्यमंत्री से आनलाइन ज्योत कलश स्थापना की रसीद कटवाई गई क्योंकि वे 'मुख्यमंत्रीÓ हैं, श्रद्धालुओं के लिए ट्रस्ट की यह सुविधा उपलब्ध नहीं है! वहीं कानूनी पक्ष को भी ट्रस्ट ने दरकिनार कर दिया। वेबसाइट में आनलाइन रसीद कटवाने से पहले केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय से एफसीआरए की अनुमति लेना अनिवार्य है। ट्रस्ट ने इस पहलू को नजर अंदाज किया और अब वेबसाइट लांच होने के बाद इसकी अनुमति के लिए आवेदन किया गया है। ट्रस्ट के इस कृत्य से मंदिर की छवि को नुकसान हो सकता है इस ओर ट्रस्ट ने जरा भी ध्यान नहीं दिया।
ट्रस्ट के महामंत्री नवनीत तिवारी ने 'भास्कर भूमिÓ से चर्चा में इस बात की पुष्टि की है कि वेबसाइट के शुभारंभ के लिए ही आनलाइन रसीद की सेवा शुरु की गई थी। उसके बाद वेबसाइट में ये सुविधा बंद कर दी गई और इसे अभी शुरु नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि आनलाइन रसीद कटवाने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए औपचारिकताएं ही पूरी नहीं की गई हैं। इसके लिए एफसीआरए की होम मिनिस्ट्री से अनुमति नहीं ली गई है। इसके लिए आवेदन किया जा चुका है।
मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति दावा कर रही है कि भक्तों को अब माता के घर बैठे लाइव दर्शन हो सकेंगे लेकिन ये दावे झूठे हैं। ट्रस्ट की वेबसाइट www.maabamleshwari.org को देखते ही ट्रस्ट की हकीकत सामने आ जाती है। इस वेबसाइट में कई विकल्प ऐसे हैं जिन्हें इसमें जगह तो दी गई है लेकिन उसे उपयोग नहीं किया जा सकता। इन उपयोग न किए जा सकने वाले विकल्पों में दान, लाइव दर्शन व अन्य विकल्प शामिल हैं। पिछले दो-तीन नवरात्रि से ट्रस्ट आनलाईन दर्शन की सुविधा शुरू करने का दावा करता आ रहा है।
मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट की वेबसाइट से आनलाइन ज्योति कलश स्थापना व दर्शन अब भी संभव नहीं है। मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति ने मुख्यमंत्री से मां बम्लेश्वरी मंदिर की वेबसाइट का शुभारंभ तो करवा लिया लेकिन अब तक वेबसाइट अधूरी है। इसमें दिए गए विकल्प काम नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने 17 जुलाई को ट्रस्ट के सदस्यों के सामने वेबसाइट का उद्घाटन किया।
० लापरवाही बरती है...
ट्रस्ट ने वेबसाइट की महज औपचारिकता ही पूरी करना उचित समझा है। वेबसाइट में मौजूद डाटा सीमित है। पत्रिकाओं के पन्नों को ही स्केन कर वेबसाइट में डाल दिया गया है। इन पन्नों में बम्लेश्वरी का संक्षिप्त इतिहास व थोड़ी बहुत प्राचिन काल की जानकारी यहां के विषय में दी गई है।  औपचारिकता समझकर ही ट्रस्ट ने सीमित साधनों का उपयोग किया गया है।
मंदिर व्यवस्था को हाइटेक बनाने का दावा करने वाली ट्रस्ट ने वेबसाइट के माध्यम से अपने ही पैर में कुल्हाड़ी मार ली है। वेबसाइट के प्रेजेंटेशन पर भी ध्यान नहीं दिया गया है। दुनिया के कोने-कोने तक यह वेबसाइट देखी जा सकेगी लेकिन पर्यटकों पर इसका गलत प्रभाव पड़ेगा। मां बम्लेश्वरी मंदिर व डोंगरगढ़ से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को वेबसाइट से परे रख दिया गया है।
० कैसे होगा लाइव दर्शन
वेबसाइट में लाग इन करते ही सबसे पहला ध्यान लाइव दर्शन की ओर जाता है लेकिन इस विकल्प को देखकर जो उम्मीद होती है वो क्षण भर में ही दम तोड़ देती है। यह विकल्प इस वेबसाइट का हिस्सा जरुर है पर वह किसी उपयोग में नहीं आ रहा। खामी वेबसाइट में ही है। इस विकल्प पर क्लिक करने के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं होती और श्रद्धालु आंख गड़ाए ही रह जाते हैं।
० दी झूठी जानकारी
ट्रस्ट ने अखबारों के माध्यम से (भास्कर भूमि नहीं) जानकारी दी थी कि इस वेबसाइट के शुरु होने से ट्रस्ट के सभी कार्यालय, चिकित्सालय, केंटिन, बोटिंग, पार्किंग एवं धर्मशाला, अतिथि कक्ष का आरक्षण, माता का अभिषेक, विशेष पुजा, वस्त्र, श्रृंगार, माता के मंदिर में पुष्प सजावट, ज्योति कलश, आजीवन ज्योति कलश व दान राशि वेबसाइट के माध्यम से बगैर किसी तामझाम के की जा सकेगी, पर ट्रस्ट ने यह जानकारी श्रद्धालुओं को नहीं दी कि यह सेवा वीआईपी है। श्रद्धालु इसका उपयोग नहीं कर सकते। दरअसल वेबसाइट के नाम पर छलावा किया गया है। इसमें मौजूद विकल्पों में कहीं भी इन सारी सुविधाओं की जानकारी नहीं मिलती है।

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